सीजी न्यूज ऑनलाइन, 28 नवंबर। विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जशपुर के द्वारा रिश्वतखोर श्रम निरीक्षक को एक प्रकरण में दोषी ठहराते हुए 3 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। ₹50000 का अर्थ दंड भी लगाया गया है।
एंटी करप्शन ब्यूरो के सूत्रों के मुताबिक प्रार्थी रमेश कुमार यादव, निवासी ग्राम बूढ़ाडांड़, तहसील बगीचा, जिला जशपुर के द्वारा दिनांक 26.09.2019 को एन्टी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर में शिकायत पत्र प्रस्तुत किया था। आरोपी द्वारा अपनी संस्था छत्तीसगढ़ अभिनन्दन एजुकेशनल एण्ड सोशल वेलफेयर सोसायटी कोतबा के माध्यम से जिला जशपुर के अंतर्गत लगभग 320 लोगों को श्रम विभाग जिला जशपुर से प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत मेशन जनरल एवं असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन कोर्स में प्रशिक्षण कार्य कराया गया था एवं उपरोक्त प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कराकर प्रशिक्षण शुल्क 6,37,000 रुपये का बिल भुगतान हेतु प्रस्तुत किया गया था, जो श्रम निरीक्षक सुरेश कुर्रे के द्वारा बिल बनाने एवं चेक में हस्ताक्षर कराकर प्रदाय करने के एवज में 01 लाख रूपये रिश्वत की मांग किया गया था। प्रार्थी के शिकायत का सत्यापन कराया गया जिसमें आरोपी सुरेश कुर्रे, श्रम निरीक्षक, कार्यालय श्रमपदाधिकारी, जशपुर, जिला जशपुर के द्वारा प्रार्थी से कहा गया कि 01 लाख रूपये नहीं, अब आपको 01 लाख 90 हजार रूपये देना पड़ेगा। जिससे वह जावा मोटरसायकल खरीदेगा।
शिकायत के सत्यापन पश्चात् दिनांक 14.10.2019 को ट्रैप आयोजित कर आरोपी सुरेश कुर्रे, श्रम निरीक्षक, कार्यालय श्रमपदाधिकारी, जशपुर, जिला जशपुर को प्रथम किश्त के रूप में प्रार्थी से 40,000 रूपये रिश्वत लेते हुए कार्यालय श्रम पदाधिकारी जशपुर के प्रांगण में पंचसाक्षियों के समक्ष रंगे हाथों पकड़ा जाकर आरोपी के विरूद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के तहत् कार्यवाही की गई थी एवं विवेचना पूर्ण होने पर दिनांक 26.06.2020 को माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) जशपुर में आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।
माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) जशपुर द्वारा दिनांक 26.11.2025 को पारित निर्णय में आरोपी सुरेश कुर्रे, श्रम निरीक्षक, कार्यालय श्रमपदाधिकारी जशपुर, जिला जशपुर को धारा- 7 भ्रष्टाचार निवारण अधनियम के अपराध में 03 वर्ष के कठोर कारावास एवं 50,000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है एवं 50,000 रुपये जुर्माना नहीं पटाने पर छः महीने के अतिरिक्त कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया है।


