छत्तीसगढ़ में 36 महाविद्यालय बनेगें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस- आर. प्रसन्ना, साईंस कालेज, दुर्ग में उच्चशिक्षा सचिव ने ली प्राध्यापकों की बैठक,

छत्तीसगढ़ में 36 महाविद्यालय बनेगें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस- आर. प्रसन्ना, साईंस कालेज, दुर्ग में उच्चशिक्षा सचिव ने ली प्राध्यापकों की बैठक,


दुर्ग 14 दिसंबर । छत्तीसगढ़ में 36 महाविद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की प्रक्रिया जारी है। इस संबंध में विभिन्न महाविद्यालयों से निर्धारित प्रपत्र में आवेदन मांगये गये है, जिन पर विचार जारी है। ये उद्‌गार छत्तीसगढ़ शासन उच्चशिक्षा विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना ने शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में व्यक्त किये। उच्चशिक्षा सचिव नियमित एवं अतिथि प्राध्यापकों की बैठक में अपना संबोधन कर रहे थे।

दुर्ग संभाग के आयुक्त, सत्य नारायण राठौर तथा दुर्ग कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की उपस्थिति में साईंस कालेज, दुर्ग के राधाकृष्णन सभागार में श्री प्रसन्ना ने महाविद्यालय द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाये जाने हेतु भेजे गये 32 करोड़ रूपये की लागत वाले प्रस्ताव पर आधारित पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। साईंस कालेज, दुर्ग की ओर से यह प्रस्तुतिकरण स्वशासी प्रकोष्ठ की नियंत्रक डॉ. जगजीत कौर सलूजा ने दिया।

श्री प्रसन्ना ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ हायर एजुकेशन मिशन की स्थापना की जारी है। इसके अंतर्गत महाविद्यालयों एवं शोधार्थियों को प्रयोगशाला, ग्रंथालय, शोध कार्य, शोध पत्र प्रकाशन अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में सहभागिता, पेटेंट प्राप्ति हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सहायता राशि उपलब्ध करायी जायेगी। इसके अलावा श्री प्रसन्ना ने बताया कि छत्तीसगढ़ में रिसर्च तथा इनोवेशन फण्ड की भी स्थापना की जायेगी। बैठक का संचालन कर रहे भूगर्भशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव के अनुसार उच्चशिक्षा सचिव ने जानकारी दी कि महाविद्यालयों में अकादमिक तथा उद्योगों के मध्य सकारात्मक संबंध हेतु नयी योजना तैयार की जा रही है।

महाविद्यालयो में शैक्षणिक विकास हेतु उच्चशिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए श्री प्रसन्ना ने बताया कि अगले शैक्षणिक सत्र से महाविद्यालयीन शिक्षकों के अध्यापन कार्य एवं कक्षा में व्यवहार पर केन्द्रित फीड बैंक उस कक्षा के विद्यार्थियों से लिया जायेगा। महाविद्यालयों के आकस्मिक निरीक्षण हेतु प्रत्येक जिले में जिला नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की जायेगी। श्री प्रसन्ना के अनुसार अन्य विभागों की तरह उच्चशिक्षा विभाग में भी उत्कृष्ट कार्य करने वाले महाविद्यालयों, प्राचार्यो, प्राध्यापकों तथा अतिथि प्राध्यापकों को राज्य स्तर पर आयोजित सम्मान समारोह में पुरस्कृत किया जायेगा। श्री प्रसन्ना ने बताया कि उन्होंने प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी से जुड़े लंबित मामलों का शत-प्रतिशत निराकरण कर दिया है तथा यह प्रयास किया जा रहा है, कि प्राचार्य/प्राध्यापक/कर्मचारी को सेवा निवृत्ति की तिथि के दि नही उन्हें देय सम्पूर्ण राशि से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराया दिया जाये।

श्री प्रसन्ना से प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा का समाधान करने वाले प्राध्यापकों में डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ. शकील हुसैन, डॉ. अजय पिल्लई, डॉ. अश्विनी महाजन, डॉ. रंजना श्रीवास्तव, डॉ. दिव्या मिंज, डॉ. उपमा श्रीवास्तव, डॉ. रचिता श्रीवास्तव, डॉ. ज्योति धारकर, डॉ. विकास स्वर्णकार शामिल थे।
बैठक में उपस्थित दुर्ग कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने कहा कि महाविद्यालय में उपलब्ध आधुनिक उपकरणों को विद्यार्थियों के प्रयोग के साथ-साथ उद्योगों की आवश्यकतानुरूप कंसल्टेंसी कार्य आरंभ कर महाविद्यालय हेतु राशि प्राप्त करने का प्रयास करें। बैठक को अपर संचालक, उच्च शिक्षा डॉ. राजेश पाण्डेय तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने संबोधित किया।